रावलपिंडी
ये मेरी जिन्दगी से गइ
मैं यहां आ गया वो वहां रेह गइ
कुछ ना मैं कर शका देखता रह गया
कुछ ना वो कर शकी,देखती रेह गइ
लोग कहते है तकशीन सब हो गया
जो नहीं बट शकी चीझ वो रेह गइ
याद पीडी की आती है अब किस लिये
मेरी मिटटी थी ,जेलम में बेह गइ
इन जमीनो ने कितना लहू पी लिया
ये खबर आसमानो तलक है गई
रास्ते में खडी हो गई सरहदें
सरहदो पे खडी बेबसी रेह गई
दे गई घर, गली, शहर मेरा किसे
क्या पता कीस से बक्षी वो क्या केह गई
ये मेरी जिन्दगी से गइ
मैं यहां आ गया वो वहां रेह गइ
कुछ ना मैं कर शका देखता रह गया
कुछ ना वो कर शकी,देखती रेह गइ
लोग कहते है तकशीन सब हो गया
जो नहीं बट शकी चीझ वो रेह गइ
याद पीडी की आती है अब किस लिये
मेरी मिटटी थी ,जेलम में बेह गइ
इन जमीनो ने कितना लहू पी लिया
ये खबर आसमानो तलक है गई
रास्ते में खडी हो गई सरहदें
सरहदो पे खडी बेबसी रेह गई
दे गई घर, गली, शहर मेरा किसे
क्या पता कीस से बक्षी वो क्या केह गई
आनंद बक्षी
असल तो रोमन लिपि में यह गझल थी ।मैंने आनंद बक्षी साहब के जनम दिन पर रेडियो पर उनके बेटे की टेलीफोन पर बातचीत सूनी और उनके बेटेने यह गझल बोली थी । मेरी बदकिस्मती से मैंने वो बातचित ओडियो पर रिकोडॅ की थी । और ओडियो फेसबुक पर रखा नहीं जाता । मैं ने इक दोस्त को लिखा अगर वो यह बात चित फेसबुक पर रख शके लेकिन उनका कोइ जवाब नहीं मिला ।यकायक वो गझल मुझे गूगल से मिली ।ईसलिये मैं गूगल का शुक्रगुजार हूं ।फिर भी मूशकिल आइ ।वो तो रोमन लिपि में थी । तो मैं देवनागरी लिपि में उतारने बैठ गया और इक घंटे की मेहनत के बाद यह काम पूरा कर शका ! क्यों कि वह टाइपिंग मोबाइल पर करनी थी । आप ज्यादा तादात मे पढोगे तो मुझे लगेगा कि मेरी मेहनत रंग लाइ है ।
असल तो रोमन लिपि में यह गझल थी ।मैंने आनंद बक्षी साहब के जनम दिन पर रेडियो पर उनके बेटे की टेलीफोन पर बातचीत सूनी और उनके बेटेने यह गझल बोली थी । मेरी बदकिस्मती से मैंने वो बातचित ओडियो पर रिकोडॅ की थी । और ओडियो फेसबुक पर रखा नहीं जाता । मैं ने इक दोस्त को लिखा अगर वो यह बात चित फेसबुक पर रख शके लेकिन उनका कोइ जवाब नहीं मिला ।यकायक वो गझल मुझे गूगल से मिली ।ईसलिये मैं गूगल का शुक्रगुजार हूं ।फिर भी मूशकिल आइ ।वो तो रोमन लिपि में थी । तो मैं देवनागरी लिपि में उतारने बैठ गया और इक घंटे की मेहनत के बाद यह काम पूरा कर शका ! क्यों कि वह टाइपिंग मोबाइल पर करनी थी । आप ज्यादा तादात मे पढोगे तो मुझे लगेगा कि मेरी मेहनत रंग लाइ है ।
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