Dedicated to Munawwar Hussain.The thinking of great leader Ram Manohar Lohia ran parallel to yours as regards Independence of 1947.Hope you will be able to read this samagri. Yours is the Idealistic Theory but the Congress leaders were not motivated by that idealism but were eager to maintain supremacy of Bradman ism whose great apostle was Gandhi. They looked on with eyes on practical politics and here India and Pakistan fell to the Brahmin tricks and the result is before all to see.
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#राममनोहर_लोहिया अपनी किताब, "हिन्दू बनाम हिन्दू" में लिखते हैं.......
"मैं दावे के साथ कह सकता हूँ, अंग्रेजों के समय का गुलामी काल, शूद्रो(sc,st,obc) के लिये वरदान साबित हुआ है. हम प्राचीन काल की चाहे जितनी भी डींग हांक लें, लेकिन अगर अँग्रेजों का सम्पर्क न हुआ होता, तो हम बहुत पिछड़े रहते! भारतीय इतिहास के पांच हजार सालों में एक भी विद्वान शूद्रों में न हो सका, जबकि अँग्रेजों के लगभग 200 साल के गुलामी काल में डाक्टर अम्बेडकर, मेघनाथ साहा, राधा विनोद पाल, सुरेन्द्र नाथ शील और अन्य कितने ही नाम जिन्हें मैं नहीं जानता, शूद्रों(sc,st,obc) समाज मे निर्माण हुये उसका श्रेय अंग्रेजो को ज्याता है क्योकि ब्राम्हणो ने इनको एज्युकेशन से वंचित रखा था परंतु अंग्रेजो ने इनके लिए स्कूल सुरू किये इसके कारण अंग्रेजो से ब्राम्हण नफरत करने लगे थे ये कहकर की हमने बनाये नियमो का अंग्रेज उल्लंघन कर रहे है, हमारे धार्मिक बातो मे अंग्रेज हस्तक्षेप करने लगे है! क्या अपने धर्म के किसी विशिष्ट वर्ग को शिक्षा से वंचित रखना, उनपर अमानविय अत्याचार करना क्या धर्म हो सकता है? . यदि 1857 का विद्रोह सफल हो जाता तो निश्चय ही शूद्रो (sc,st,obc) को सामाजिक उत्थान के इतने अवसर न मिलते, जितने की 1857 के बाद अंग्रेजों की गुलामी काल में मिले हैं! *यह अंग्रेजों की गुलामी का काल था, जब एक ब्राह्मण चपरासी बना तथा चमार एक कलेक्टर."* और यही बाते ब्राम्हनो को काटे की तरह चुभने लगी थी और आज भी चुभती ह
इस देश का मूल शासक ब्राह्मण ये खूब जानता था कि अंग्रेज अौर 50 साल रह गये तो शूद्र(sc,st,obc) सत्ता मे अौर हम सत्ता के बहार हो जायेंगे क्योकि इनकी आबादी लगभग देश मे 85% परसेंट है और हम ब्राम्हनो की केवल 3.5 % परसेंट इसलिए ब्राह्मणों ने अंग्रेज को भगाने का आंदोलन राष्ट्रवाद की आड मे चलाया था। और देश के शुद्रो को आपस मे जाती धर्म के नाम पर लडवाकर उनको कभी आपस मे एक नही होने दिया ताकि तोडो, फोडो और राज करो यह उनकी कुटनिती सफल हो सके!
A post from Munawwar Hussain
--------- being honest and upfront were not the only qualities needed to build a successful nation, my driver is very honest man, can we make him PM?... Jinnah failed to realize that his people were not competent enough to run a country, Brits were developing the country's infrastructure, they had all the technology to build whole India much better than what we did after 1947, these leaders stopped that development and prosperity for 400 million people, which could have made lives of the masses much better, imagine if it had continued till 2000, we would have been even better than Canada or Australia
--------- being honest and upfront were not the only qualities needed to build a successful nation, my driver is very honest man, can we make him PM?... Jinnah failed to realize that his people were not competent enough to run a country, Brits were developing the country's infrastructure, they had all the technology to build whole India much better than what we did after 1947, these leaders stopped that development and prosperity for 400 million people, which could have made lives of the masses much better, imagine if it had continued till 2000, we would have been even better than Canada or Australia