जनता को स्टार की जरुरत क्यों है ?
----------------
" दर्शको को के बीच स्टार की जरुरत बनी रहती है ।हर पीढ़ी के अपने स्टार और सुपर स्टार होते है ।दिलीप कुमार आझादी के बाद की युवा पीढ़ी के आदर्श बने ।उन दिनो युवक उन्ही के अंदाज में बोलनेकी कोशिश करते थे ।उनकी तरह बोलना और चलने की कोशिश करते रहते थे ।ऐसा देव आनंद, राज कपूर की नकल करने लगे थे । लोग अपनी पसंद-नापसंद अनुसार स्टार को उंचे उठाते या कचरापेटी में फेंक देने लगे ।स्टार उनके लिये बाजारू चीज बनने लगी ।-------
-लेकिन स्टार क्या होता है ? स्टार वह प्रतिबिंब है, जिस में व्यक्ति अपनी ही छवि देखता है । स्टार आपकी ही जरुरतो, आकांक्षाओ और सपनो को ही खुल्ला करता है ।फिल्म स्टारों के बहाने किसी भी देश का सामाजिक इतिहास लिखा जा शकता है । मुझे आश्चर्य होता है कि हमारे जैसे गरीब देश मे जहां स्टार समरूघघ वर्ग के ही है, वहां मघयम और गरीब वर्ग उनसे ईर्ष्या और नाराज़गी क्यों जाहिर नहीं करते ? "--------जाने माने फिल्म दिग दर्शक महेश भट्ट उनके पुस्तक " जागी रातोंके किस्से " में से
----------------
" दर्शको को के बीच स्टार की जरुरत बनी रहती है ।हर पीढ़ी के अपने स्टार और सुपर स्टार होते है ।दिलीप कुमार आझादी के बाद की युवा पीढ़ी के आदर्श बने ।उन दिनो युवक उन्ही के अंदाज में बोलनेकी कोशिश करते थे ।उनकी तरह बोलना और चलने की कोशिश करते रहते थे ।ऐसा देव आनंद, राज कपूर की नकल करने लगे थे । लोग अपनी पसंद-नापसंद अनुसार स्टार को उंचे उठाते या कचरापेटी में फेंक देने लगे ।स्टार उनके लिये बाजारू चीज बनने लगी ।-------
-लेकिन स्टार क्या होता है ? स्टार वह प्रतिबिंब है, जिस में व्यक्ति अपनी ही छवि देखता है । स्टार आपकी ही जरुरतो, आकांक्षाओ और सपनो को ही खुल्ला करता है ।फिल्म स्टारों के बहाने किसी भी देश का सामाजिक इतिहास लिखा जा शकता है । मुझे आश्चर्य होता है कि हमारे जैसे गरीब देश मे जहां स्टार समरूघघ वर्ग के ही है, वहां मघयम और गरीब वर्ग उनसे ईर्ष्या और नाराज़गी क्यों जाहिर नहीं करते ? "--------जाने माने फिल्म दिग दर्शक महेश भट्ट उनके पुस्तक " जागी रातोंके किस्से " में से
No comments:
Post a Comment