जीसस क्राइस्ट्की सिध्धि याँ
1। जीससने कोई भी तरहके भेदभावके बिना , वर्ण, ज्ञाति या देश,सबको एक सरीखे हक्क दिये। यूरोपममें तो वर्ग वर्गके संबंधोको भारी धक्का पहुंचाया, समाजोकों उपर तले हीला दीया। इसके कारण आमूलसे परिवर्तन आया। । ईसाई धर्म का दूसरा अर्थ ही " बदलाव " हो गया । लेकिन ईसाई धर्म यह बदलाव कोई दमन या हिंसासे से लाना नहीँ चाहता था । जीससके मृत्युके बाद मुसलमानोने इसलामका फैलाव करनेमे बड़े पैमानेपर हीन्साका सहारा लिया और अनेक बस्तीयाँ को जबरजसती इस्लाममें सामीला कर दीया। इसाइओने ऐसा नहीं कीया और लोगोका ह्रदय परिवर्तन होने तक इंतज़ार कीया।
2। आध्यात्मिक क्षेत्र मे भी इसाइओने सबको एक सरीखे हक्क दिये । शिक्षा देनेमें इसाइओको खास दिलचस्पी थी क्योकी वो इतना तो समजते थे की अगर नए आए हुये लोग ईसाई धर्म क्या है, उसके सिद्धद्धांत क्या है और us
1। जीससने कोई भी तरहके भेदभावके बिना , वर्ण, ज्ञाति या देश,सबको एक सरीखे हक्क दिये। यूरोपममें तो वर्ग वर्गके संबंधोको भारी धक्का पहुंचाया, समाजोकों उपर तले हीला दीया। इसके कारण आमूलसे परिवर्तन आया। । ईसाई धर्म का दूसरा अर्थ ही " बदलाव " हो गया । लेकिन ईसाई धर्म यह बदलाव कोई दमन या हिंसासे से लाना नहीँ चाहता था । जीससके मृत्युके बाद मुसलमानोने इसलामका फैलाव करनेमे बड़े पैमानेपर हीन्साका सहारा लिया और अनेक बस्तीयाँ को जबरजसती इस्लाममें सामीला कर दीया। इसाइओने ऐसा नहीं कीया और लोगोका ह्रदय परिवर्तन होने तक इंतज़ार कीया।
2। आध्यात्मिक क्षेत्र मे भी इसाइओने सबको एक सरीखे हक्क दिये । शिक्षा देनेमें इसाइओको खास दिलचस्पी थी क्योकी वो इतना तो समजते थे की अगर नए आए हुये लोग ईसाई धर्म क्या है, उसके सिद्धद्धांत क्या है और us
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